Inspirational stories (प्रेरक प्रसंग)

आप क्यों नहीं फिर…..

परमात्मा जब अवसर का एक द्वार बंद करता है तो उससे भी अच्छे अवसरों के दो द्वार खोल देता है।लेकिन हम उस बंद द्वार को देखने में इतने मस्त और शोकग्रस्त हो जाते हैं कि दूसरे बेहतर अवसरों के खुले द्वारों को नहीं देख पाते। परमात्मा के प्रेम में विश्वास रखने वाले और अपने उचित कर्मों को उसकी उपासना समझने वाले व्यक्ति घोर गरीबी, दुख, वृद्धावस्था और अपंग होने पर भी महान सफलता प्राप्त करके दिखा देते हैं। हम यहां ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध व्यक्तियों के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं-

 

  • स्वामी विवेकानन्द और स्वामी दयानन्द सरस्वती ने धन का नितान्त अभाव होते हुये भी अपने गुरुओं को दिये हुये वचनों को निभाया और संसार को नया ज्ञान दिया। स्वामी विवेकानन्द ने अपने विवेक तथा कठिन परिश्रम से पूरे संसार में वेदान्त के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार कर ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। इसी प्रकार स्वामी दयानन्द ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना कर हिन्दू जाति में फैले अंधविश्वासों को दूर कर वेदों के सही ज्ञान का पुनर्उद्धार किया ।
  • हेलन केलर- अमरीका की इस अंधी, बहरी और गूंगी लड़की ने अपनी अध्यापिका की सहायता से अपनी शक्तियों का विकास करने के लिये लगातार वर्षों तक कठिन प्रयत्न किये और विश्व प्रसिद्ध लेखिका, वक्ता एवं अपंग व्यक्तियों की मसीहा बन गई। 

 

  • थॉमस एल्वा एडीसन जिसने सैंकड़ों वैज्ञानिक आविष्कारों का विकास किया एक गरीब घर में पैदा हुआ था। उसने किसी स्कूल में शिक्षा प्राप्त नहीं की परन्तु वैज्ञानिक प्रयोगों में बाल्यावस्था से ही गहन रूचि होने और सतत प्रयत्न करते रहने से यह एक दिन विश्व के महान वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा। कहते हैं कि उसे बिजली के बल्ब का आविष्कार करने में दस हजार बार असफलता मिली थी इसके बावजूद उसने अपने प्रयत्नों को जारी रखा।
  • स्व० मोहन सिंह ओबराय ने अपना जीवन होटल के एक साधारण लिपिक के पद से शुरू किया था। अपनी व्यवहार कुशलता, परिश्रम और सुअवसरों को पकड़ने की बुद्धि से वह होटल मैनेजर बने फिर उन्होंने वह होटल ही खरीद लिया। इसके पश्चात उन्होंने भारत में ही नहीं विश्व के अनेक नगरों में पांच सितारा होटल स्थापित किये। वह तीन बार सांसद बने और 103 वर्ष की आयु में उनका स्वर्गवास हुआ। 
  • विश्व विख्यात कवि गोथे ने अपनी प्रसिद्ध कृति ‘फॉस्ट’ की रचना उस समय की जब वह 82 वर्ष के थे। इस रचना से वह ‘अमर’ बन गये। एंग्लोइंडियन लेखक नीरद चौधरी ने 99 वर्ष की आयु में एक उपन्यास लिखा जो प्रकाशित और चर्चित हुआ।
  • आइन्सटीन जैसे महत्वपूर्ण और चर्चित वैज्ञानिक स्टीफेन डब्ल्यू हाकिंग पूरी तरह अपंग हैं। वह विश्वविख्यात भौतिकशास्त्री और लेखक हैं। वह सदैव पहिए वाली कुर्सी पर पड़े रहते हैं। वार्तालाप करने के लिए भी उन्हें ‘वाइस सिन्थेसाइजर’ यंत्र की आवश्यकता पड़ती है। उनकी दो पुस्तकें ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ और ‘नटशैल’ बेस्ट सेलर रही हैं।
  • हमारे पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक साधारण मछुआरे परिवार में जन्मे। उन्होंने अपने अटूट परिश्रम, लगन और सतत प्रयत्नों से एक महान वैज्ञानिक बनने में सफलता पाई। इसके पश्चात वह राष्ट्रपति पद पर चुने गये।
  • जब घोर गरीबी, हजारों प्रकार की बाधायें तथा समस्याएं होने पर भी उपर्युक्त महापुरुष उन्नति कर महान सफलता तथा यश प्राप्त कर सकते हैं फिर आप क्यों नहीं। जागिये! उठिये और नये आत्मविश्वास , साहस तथा सतत प्रयत्नों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़िये! आप अवश्य सफल होंगे। स्वामी विवेकानन्द के संजीवनी शक्ति से पूर्ण इन प्रेरणामय ओजस्वी शब्दों को सदा स्मरण रखिये: ‘तुम तो ईश्वर की संतान हो, उठो! आओ! ऐ सिंहो। इस मिथ्या भ्रम को झटक कर दूर फेंक दो कि तुम भेड़ हो! तुम जरा-मरण-रहित नित्यानन्दमय आत्मा हो !

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Astologer cum Vastu vid Harshraj Solanki
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