Inspirational stories (प्रेरक प्रसंग)

क्रोध कथा सर्वश्रेष्ठ देवता ?

ब्रह्मा, विष्णु और महेश में सबसे महान देवता कौन सा है ? इस प्रश्न का निर्णय करने के लिये एक बार सभी ऋषियों ने महर्षि भृगु को उनके पास भेजा। भृगु सर्वप्रथम महादेव महेश के यहां गये। लेकिन वहां नंदी ने उन्हें महादेव के पास जाने से रोक दिया क्योंकि उस समय महादेव शिव अपनी पत्नी पार्वती के साथ रति क्रीड़ा कर रहे थे। इस पर भृगु क्रोधित हो उठे और शिवजी को श्राप दे दिया कि उनके शरीर का आकार लिंग रूप में माना जायेगा और उसी रूप की पूजा होगी। इसके पश्चात वह ब्रह्मा जी के यहां गये वहां भी उनका उचित आदर नहीं हुआ। भृगु को बहुत क्रोध आया और उन्होंने श्राप दे दिया कि ब्रह्मा जी की कोई पूजा नहीं करेगा। अंत में वह विष्णु भगवान के यहां पहुंचे। पहले दो स्थानों पर अपमानित हो चुके थे। अतः उनका क्रोध अपनी चरम सीमा स्पर्श कर रहा था। विष्णु जी के पास तक तो वह पहुंच गये पर देखा कि वे निद्रा मग्न थे। इस पर भृगु ने उनके वक्षस्थल पर बलपूर्वक लात मार कर सोते से जगाया। विष्णु भगवान ने जागते ही महर्षि भृगु को प्रणाम किया और विनम्रतापूर्वक पूछा, महर्षि। मेरा वक्षस्थल तो वज्र सा कठोर है आपके कोमल चरणों को चोट तो नहीं लगी? विष्णु की इस महान उदारहृदयता को अनुभव कर महर्षि भृगु ने उन्हें सबसे श्रेष्ठ देवता घोषित किया, क्योंकि देवता वही है जिसने अपने साथ-साथ क्रोध पर भी विजय प्राप्त कर ली है।

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Astologer cum Vastu vid Harshraj Solanki
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