LAGHU KATHA(लघु कथाएं) आधुनिक दंगा 106 views0 Share शहर में दंगा हो चुका था। लेकिन अभी दंगे ने उग्र रूप धारण नहीं किया था। जब उसके कानों में दंगे होने की खबर पहुंची तो वह चौंक पड़ा। उसकी पत्नी, उसके बच्चे, आग, धुआँ, मारो-मारो का शोर किसी चलचित्र की तरह उसकी आंखों के आगे तैरने लगा था। बड़ी मुश्किल से उसने एक छोटा-सा घर बनाया है, उसका क्या होगा ? सोचते हुए उसके चेहरे पर पसीने की बूंदे चुहचुहा आई थीं, लेकिन तभी अचानक उसके दिमाग में एक विचार कौंधा और फिर एक बिषैली मुस्कान उसके होंठों पर तैर गई थी। उसने जल्दी से अपने बच्चों को स्कूटर में बिठाया और रेलवे स्टेशन की ओर चल पड़ा। रेल में अपने बच्चों को बिठाते हुए वह अपनी पत्नी से बोला, ‘शहर में दंगा भड़क गया है, तुम बच्चों को लेकर अपने मायकें ले जाओ। मैं तुम्हे लेने आ जाऊंगा।’ ‘लेकिन तुम अकेले कैसे रहोगे ? कहीं कुछ हो गया तो…? मेरी बात मानो तुम भी हमारे साथ चले चलो।’ ‘तुम मेरी चिन्ता मत करो। मुझे कुछ नहीं होगा।’ कहकर वह गाड़ी से नीचे उतर गया था क्योंकि गाड़ी चलने लगी थी। गाड़ी के चले जाने के बाद वह अपने कमरे में लौट आया था। रात को अचानक उसे शोर सुनाई दिया। भीड़ उसी के मकान की तरफ आ रही थी। वह चुपचाप मकान के पीछे बनी झाड़ियों में छिपकर सारा तमाशा देखता रहा। उस समय उसका शरीर पसीने से तर हो चुका था। भीड़ शोर मचाती हुई लोगों के घरों में आग लगाती रही। लोग अपनी-अपनी जान बचाने के लिए घरों से भागने लगे थे। लकिन वह घनी झाड़ियों के बीच डरा-सहमा जलते घरों से आग की लपटों को देखता रहा। जब भीड़ वहां से चली गई तो उसने लोगों के घरों से कीमती सामान उठा कर अपने घर में रखा और फिर चुपचाप अपने ही घर में आग लगा दी। उस आग में अपने हाथ-पैरों की परवाह न करते हुए उसने उन्हें भी झुलसा दिया था। दूसरे दिन शहर में भड़के दंगे पर काबू पा लिया गया था। लेकिन एक दिन व एक रात में करोड़ों का नुकसान हो चुका था। कुछ ही दिनों बाद सरकार द्वारा एक सर्वे कराया गया कि दंगे के दौरान कितने लोग मरे व कितने घर जले। सर्वे करने आए अधिकारियों को उसने रोते हुए अपना जला हुआ घर तथा घर में जले हुए कीमती सामान को दिखाते हुए उसका ब्योरा लिखवा दिया था। और फिर एक साल बाद वह दंगे के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए लाइन में खड़ा था।सरकार द्वारा उसे क्षतिपूर्ति के लिए तीन लाख का चौक दिया गया था। Stay Connected What is your reaction? INTERESTING 0 KNOWLEDGEABLE 0 Awesome 0 Considerable 0 improvement 0 Astologer cum Vastu vid Harshraj SolankiJivansar.com is a website founded by Mr. Harshraj Solanki the main aim of the astrological website is to aware people about genuine astrological knowledge and avoid misconception regarding astrology and spirituality.By his genuine practical and Scientific knowledge of astrology,people gets benefit and appreciate his work very much as well as his website for analysing any Kundli very scientifically and gives powerful remedies. His predictions are very real deep observed and always try to give traditional scientific remedies which is based on Biz Mantra,Tantrik totka Pujas,Yoga Sadhana,Rudraksha and Gems therapy. Website Facebook