Shukra(शुक्र) सारा भोग-विलास शुक्र में निहित 130 views0 Share प्रेम में बाधा और बदनामी शुक्र के प्रसन्न न होने पर शुक्र के अस्त काल में विवाह आदि वर्जित शुक्र को वेदों में वेनस् कहा गया है। वेनस का अर्थ है- सुन्दर। इसका अंग्रेजी नाम वेनस है। शरीर, मन व व्यवहार की कुलीनता,चमक-दमक, फैशन, खुशबू, शृंगार का अधिपति शुक्र है। यह भूमि पर आने वाले वर्षाजल का भी प्रेरक है। बृहस्पति के समान ज्ञान व सुख का प्रतिनिधि तो है ही, साथ में वासना, कामना, काम, आकांक्षा व चाह का भी द्योतक है इसीलिए इससे विवाहित जीवन का सुख-प्रेम, विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षण देखा जाता है। यह प्रणियों के जन्म की प्रक्रिया से जुड़ा है। शुक्र से सांसारिक वैभव, भोग अपने आप सम्बद्ध हो जाते हैं। यात्रा और वधू के पति के घर में प्रवेश व विवाह आदि को शुक्र के अस्त काल में वर्जित किया है। शुक्र प्रसन्न न हो तो प्रेम में बाधा और कभी बदनामी भी देता है। शुक्र की प्रसन्नता के लिए-कपूर, खुशबूदार धूप, अगरबत्ती, सेंट आदि भेंट करें व स्वयं भी इस्तेमाल करें। नहाने से पहले नींबू का रस सिर में लगाएं या स्नानजल में डाल लें।राधाकृष्ण या लक्ष्मीनारायण को नित्य प्रणाम करें। Pick your date of birth Day 01 02 03 04 05 06 07 08 09 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 Month January February March April May June July August September October November December : Stay Connected What is your reaction? INTERESTING 0 KNOWLEDGEABLE 0 Awesome 0 Considerable 0 improvement 0 Astologer cum Vastu vid Harshraj SolankiJivansar.com is a website founded by Mr. Harshraj Solanki the main aim of the astrological website is to aware people about genuine astrological knowledge and avoid misconception regarding astrology and spirituality.By his genuine practical and Scientific knowledge of astrology,people gets benefit and appreciate his work very much as well as his website for analysing any Kundli very scientifically and gives powerful remedies. His predictions are very real deep observed and always try to give traditional scientific remedies which is based on Biz Mantra,Tantrik totka Pujas,Yoga Sadhana,Rudraksha and Gems therapy. Website Facebook