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स्वप्न रहस्य

किसी भी व्यक्ति के लिए स्वप्न देखना एवं इसके संकेतों के बारे में जानना बड़ा ही आकर्षक, रहस्यमय एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति वाला होता है| एक ओर जहां बुरे स्वप्न हमे भयभीत एवं शंकाओं में डाल देते हैं वही दूसरी ओर अच्छे और मनोवांछित स्वप्न प्रसन्नचित्त और आत्मविभोर कर देते हैं|जिस प्रकार बुरे स्वप्न देखने के पश्चात व्यक्ति कहीं न कहीं दिन भर थोड़ा या ज्यादा असुरक्षित,शंकित एवं भयभीत महसूस करता है वहीं मनोवांछित,मनोहर और अच्छे स्वप्न व्यक्ति को दिन भर कहीं न कहीं अजीब सा प्रवाहित ऊर्जा एवं प्रसन्नता का अनुभव करता रहता है| अत: इस लेख में मैंने स्वप्न और इसके विभिन्न आयामों के बारे में संक्षेप में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया है साथ ही साथ स्वप्न के ज्योतिषीय एवं मनोवैज्ञानिक पक्षों का भी विश्लेषण करने का यथासंभव प्रयास किया है|

प्राचीन योगियों एवं नवीन वैज्ञानिक शोध के अनुसार जब व्यक्ति अधिक चिंतित हो या किसी गहरे मस्तिष्क आघात से पीड़ित हो,अत्याधिक बीमार हो, शारीरिक रूप से कमजोर हो,अंदर से डरा हुआ या डरपोक स्वभाव वाले को एक तो स्वप्न अत्यधिक आते हैं दूसरा इनके स्वप्न का फल भी निर्थक ही माना जाता है क्योंकि इनका चित या अवचेतन मन शुद्ध यानी तनाव रहित नहीं रहता है| बहुत बार हम वही सपने देखते हैं जो जागृत अवस्था में लगातार हमारे मन मस्तिष्क पर हावी रहता है|व्यक्ति पुरे दिन जो करता है निरंतर सोचता है, मन के गहरे में दबी इच्छाएं ,दिन भर के तनाव एवं चिंताएं निंद्रा में स्वप्न के रूप में दिखाई देता है| इसका कारण उस घटना विशेष का चित के गहरे में अंकित हो जाना है|स्वप्नदोष का संबंध भी इन्हीं गहरे में दबे कामुक विचार से है जो जागृत अवस्था के अपूर्ण कामुकता को दर्शाता है|अगर इससे संबंधित कोई व्यक्ति स्वप्न देखता है तो वह भी निरर्थक ही माना जाएगा| उदाहरण के लिए मान लीजिए किसी व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर निरंतर यह हावी रहे कि मेरी नौकरी होगी या नही! इस तरह की अधूरी इच्छा जो पूर्ण नहीं हो पाती है अवचेतन मन के किसी कोने में दबी रहती है जो स्वप्न का रूप ले लेती है अत: इस तरह के निरंतर मस्तिष्क में चल रहे विचार से संबंधित देखा गया स्वप्न भी निरर्थक माना जाएगा क्योंकि यह सिर्फ अपूर्ण विचारों का बीज मात्र है जो स्वप्न के माध्यम से अंकुरित होकर निकलता है ताकि उसका मन मस्तिष्क थोड़ी देर के लिए शांति का अनुभव कर सके एवं मन थोड़ी देर के लिए तनाव रहित हो सके और ऐसे सपनों के माध्यम से व्यक्ति अपनी इच्छाओं को आभासी रूप से पूरा कर सकें|

स्वप्न दो प्रकार के होते हैं एक वह जो जागृत अवस्था में देखा जाए अर्थात खुली आंखों से और दूसरा नींद की अवस्था में देखा जाए| जागृत अवस्था में देखा गया स्वप्न हमारी उपरी मन मस्तिष्क में संग्रहित विचारों का प्रभाव मात्र होता है जो स्थान, काल एवं परिस्थिति के ऊपर निर्भर करता है| दूसरा निंद्रा की अवस्था में देखा गया स्वप्न| गहरी निंद्रा की अवस्था में अवचेतन मन की खोज सामान्य भौतिक परिधियों से इतर पराभौतिक सीमाओं तक फैल जाती है ,मानसिक चेतना अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण सीमाहीन हो जाती है जिससे स्वप्न में विभिन्न संकेतों के माध्यम से स्वप्न देखने वाला भविष्य में होने वाली घटनाओं को प्रत्यक्ष रूप से संकेतों के माध्यम से देख लेता है| जागृत अवस्था का दृश्य जगत गहरी निंद्रा में मानसिक चेतना का सूक्ष्म चेतना के साथ विलय हो जाना स्वप्न देखने की प्रक्रिया को आरंभ करता है और यही स्वप्न वास्तव में सार्थक भी कहा गया है जो अनेक संकेतों के द्वारा भविष्य को समझने में मदद करता है| सपने में कई बार लोगों ने भविष्य की झलकियां देखी हैं|इतिहास में इसका कई उदाहरण मिल जाएगा जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने सपने में ही अपनी हत्या देख ली थी उन्हें सपने में ही पता चल गया था कि उनकी हत्या होने वाली है और ऐसा हुआ भी| बहुत से लोगों ने 9/11 के हमलों के बारे में पहले से ही सपना देख लिया था कि ऐसा कुछ घटित होने वाला है| यहां तक कि सपनों के माध्यमों से अनेक आविष्कार भी हुए है| इसमें सबसे प्रसिद्ध सिलाई मशीन का आविष्कार है| एलिअस होव खुद को सपने में आदिवासियों के कैद में देखा था तथा उन्होंने देखा कि आदिवासी अपने औजारों एवं सामानों को सिल रहे हैं उसी के माध्यम से उन्हें सिलाई के तकनीक का पता चला,उसी प्रक्रिया के तहत उन्होंने स्वप्न से जागने के बाद उसे प्रयोग रूप में किया जिसके तहत सिलाई मशीन का आविष्कार हुआ| ऐसे और भी अनेक अविष्कार है जैसे टेस्ला द्वारा अल्टरनेटिव करंट जरनेटर ,दिमित्री मेंडलीव द्वारा आवर्त सारणी,लैरी पेज द्वारा गूगल सर्च इंजन का आविष्कार|

कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह योग जिससे कुछ जातक को ज्यादा स्वप्न आते हैं वह निम्न है -

शास्त्र के अनुसार रात के चार पहर होते हैं और जो स्वप्न आखरी पहर यानी 3:00 बजे सुबह से 5:30 बजे सुबह तक देखा गया हो वह शीघ्र फलदाई होता है इसका मनोवैज्ञानिक कारण बहुत गहरा है, इस पहर को ब्रह्म मुहूर्त भी कहते हैं| इस पहर में जीवात्मा का चित विशेष रूप से जागृत रहता है एवं उसकी मानसिक स्थिति अत्यंत शांत एवं सूक्ष्म होती है जिससे व्यक्ति विशेष जागृत चित के द्वारा आसानी से भविष्य में होने वाली घटनाओं को देख लेता है|

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर सपने का कोई न कोई अर्थ और भविष्य में होने वाली घटनाओं की ओर इशारा करता है, जो निम्नलिखित है -

ऊपर वर्णित स्वप्न एवं इसके अर्थ प्रत्येक व्यक्ति विशेष के मानसिक स्थिति एवं ग्रह स्थिति के अनुसार परिवर्तन हो सकते हैं किसी किसी व्यक्ति को सपने बहुत ज्यादा आता है अतः बुरे सपनों के निदान के लिए कुछ टोटके एवं उपाय मैं यहां दे रहा हूं लेकिन यह उपाय सर्वसाधारण है अच्छे से सपनों का अर्थ एवं इसका विश्लेषण कराने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं एवं अपनी मानसिक एवं ग्रह स्थिति के अनुसार इसका निदान पा सकते हैं|


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Harshraj Solanki

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